Ganga Dussehra 2023 - जानें क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा

  • 2023-05-17
  • 0

गंगा नदी को भारत में बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है। सनातन धर्म के अनुसार गंगा नदी को मोक्षदायनी कहा गया है। हिंदु पंचांग/Hindu Panchang के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष गंग दशहरा 30 मई 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना करने और स्नान-दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म में गंगा दशहरे का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन पूजा-पाठ और दान-दक्षिणा करने से जीवन के सभी पापों का अंत हो जाता है और मोक्ष प्राप्ति होती है।

 

गंगा दशहरा 2023 की शुभ पूजा मुहूर्त/Ganga Dussehra 2023 shubh puja muhurat

इस वर्ष गंगा दशहरा 30 मई, 2023 मंगलवार को यानि निर्जला एकादशी से ठीक एक दिन पहले मनाया जाएगा।

दशमी तिथि प्रारम्भ: 29 मई, 2023 को सुबह 11 बजकर 49 मिनट

दशमी तिथि समाप्त: 30 मई, 2023 को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक

हस्त नक्षत्र प्रारम्भ व समाप्त: 30 मई, 2023 को सुबह 4 बजकर 29 मिनट से 31 मई, 2023 सुबह 6 बजे तक रहेगा।

व्यतीपात योग प्रारम्भ व समाप्त: 30 मई, 2023 रात 8 बजकर 55 मिनट से 31 मई, 2023 को रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

 

गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है?

राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्मा की मुक्ति के लिए मां गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। राज्य भगीरथ की तपस्या से माँ गंगा प्रसन्न हुईं और पृथ्वी पर आने के लिए सहमत हो गई थीं। मां गंगा का धरती पर अवतरण ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के दशमी को हुआ था। इसके बाद से ही इस दिन को गंगा दशहरा/Ganga Dussehra के नाम से पूजा जाने लगा। मां गंगा की पवित्रता और शुद्धता से भागीरथ के पूर्वजों का उद्धार हुआ, तभी से मां गंगा मनुष्यों को पापों से मुक्त करने के लिए पृथ्वी पर बहने लगीं।

मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरे के दिन गंगा स्नान करने और गंगा की आराधना करने से व्यक्ति के दस तरह के पापों का नाश हो जाता है, इसलिए इसे दशहरा/Dussehra कहते हैं। इन दस पापों में से 3 दैहिक, 4 वाणी के द्वारा किए पाप और 3 मानसिक पाप शामिल हैं, जैसे की झूठ बोलना, हिंसा, नास्तिक बुद्धि, कड़वा बोलना, बिना मंजूरी के दूसरे की वस्तु लेना, परस्त्री गमन, दूसरों की निंदा करना, किसी का अहित करना, दूसरे की चीजों को गैर कानूनी ढंग से लेने का विचार करना, दूसरे का बुरा होने की कामना करना इत्यादि।

यह भी पढ़ें: कर्क राशि में शुक्र गोचर का प्रभाव

गंगा दशहरा के दिन करें ये छोटा सा उपाय

गंगा दशहरा के दिन घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करने से वास्तु दोष दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गंगा दशहरे के दिन पीतल के एक पात्र में गंगाजल को भरकर कमरे की उत्तर दिशा में रख दें, ऐसा करने से आर्थिक संकट खत्म होता है और लंबे समय से चले आ रहे कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

मां गंगा का उद्गम भोलेनाथ की जटाओं से होता है इसलिए इस विशेष दिन पर भोलेनाथ को गंगाजल जरूर अर्पित करें, ऐसा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

अपने घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए मंदिर में हमेशा गंगाजल रखें। ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है।

Shani Vakri 2023 - शनि वक्री होने पर क्या होता है?

Related Blogs

होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए ?

हिंदू धर्म में होली के त्‍योहार को बेहद ही खास माना जाता है। होली मुख्य रूप से हंसी, खुशी और रंगों का त्यौहार है। यह पर्व 5 दिनों तक बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। होली से एक रात पहले फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन होता है और फिर उसके अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। इस साल 25 मार्च को होली का पावन पर्व मनाया जाएगा। होली की शुरुआत से ठीक 8 दिन पहले होलाष्‍टक शुरू हो जाते हैं।
Read More

Shivratri 2024 - क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि और क्या है इसका महत्व

महाशिवरात्रि के दिन हम अत्याधिक धार्मिक और शिव की भक्ति में लीन अनुभव करते हैं । शिवरात्रि की रात का प्रयोग अपने भीतर आध्यात्मिकता लाने के लिए किया जाता है और इसलिए यह ईश्वर के स्मरण में पूरी रात जागने की रात्रि होती है ।
Read More

Magh Gupt Navratri - कब से शुरू हो रहे हैं माघ गुप्त नवरात्रि!

हिन्दू पंचांग के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी होती है लेकिन गुप्त नवरात्रि के बारे में कम लोगों को ही पता होता है।
Read More
0 Comments
Leave A Comments