करवा चौथ- अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद

करवा चौथ/Karva Chauth कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। यह पर्व जीवन साथी के सुख तथा उसकी लम्बी आयु हेतु किया जाता है। भारत के अनेक क्षेत्रों में  इस व्रत को अलग अलग रूपों से मनाया जाता है। आज के समय में इस व्रत की मान्यता इतनी अधिक है कि यह  पूर्ण रूप से हर संप्रदाय की स्त्रियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। करवा चौथ का व्रत चाहे कितनी भी आधुनिकता से जुड़ता जाए लेकिन उसकी एक भावना जो सभी स्थानों पर एक ही होती है जो विवाह एवं दाम्पत्य सुख को दर्शाती है।
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शरद पूर्णिमा पर करते हैं प्रभु भी पृथ्वी पर वास

आश्विन (क्वार) मास की पूर्णिमा तिथि एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण समय होता है, क्योंकि यह वही समय होता है, जब शरद पूर्णिमा/Sharad Purnima मनाई जाती है। इस दिन को आश्विन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग में यह समय सबसे प्रसिद्ध पूर्णिमाओं में से एक होता है। सभी पूर्णिमा किसी खास महत्व के साथ संबंधित होती है, लेकिन इस पूर्णिमा को कई नामों और विशेषताओं से संबंधित माना गया है।
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गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण को क्यों लगाते हैं 56 तरह के भोग

अन्नकूट का त्यौहार कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। अन्नकूट का त्यौहार उत्तर भारत में मुख्य रुप से ब्रज मंडल के सभी स्थलों पर उत्साह एवं भक्ति के साथ मनाते हैं। आज के समय में अन्नकूट का पर्व आंचलिक संस्कृति से आगे बढ़ते हुए अब अधिकांश स्थानों पर मनाया जाता है और इस दिन भगवान श्री कृष्ण के सम्मुख महाभोज का भोग लगाया जाता है। 
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