जन्म कुंडली के बारहवें घर में बैठा राहु व्यक्ति को सन्यास योग देगा ऐसा कहना पूर्ण रुप से उचित नहीं होगा। राहु की स्थिति बारहवें घर में कुछ अनुकूल तो कुछ प्रतिकूल भी कही जाती है। राहु की स्थिति को लेकर ज्योतिषियों मे कई तरह के मतभेद भी देखे जा सकते हैं। राहु एक ऐसा ग्रह है जिसके फल कुंडली के खराब स्थान पर अधिक अनुकूल भी दिखाई देते हैं। ऐसे में कहा जाता है की बारहवें घर का राहु व्यक्ति को सांसारिक मोह माया के जाल से मुक्त कर देने में भी सक्षम होता है।
राहु का असर जीवन में सन्यास योग कई कारणों से नहीं दे पाता है क्योंकि राहु एक भौतिक सुख को पाने की इच्छा रखने वाला ग्रह माना गया है। अब माया को छोड़ पाना किसी के लिए भी इतना संभव नहीं है और जब राहु की स्थिति 12वें घर में होती है/Rahu in the 12th house तो ऐसी स्थिति में राहु कई मायनों में व्यक्ति को मोह माया के बंधन से मुक्त करने में कई तरह के परिणामों से रुबरु कराने वाली होती है।
राहु को लेने के लिए माना जाता है। राहु जहां बैठता है उस जगह की सभी चीजों को अपने अनुसार ढालने की कोशिश करता है। कुंडली का बारहवां भाव/kundli ka barwa bhav व्यय भाव कहलाता है। यह एक कठिन स्थान भी होता है। 12वें घर से ही व्यक्ति के सभी प्रकार के व्यय देखे जाते हैं। यहां बैठा ग्रह, राशि सभी व्यय से प्रभावित रहते हैं। ऐसे में जब राहु इस घर में होता है तो ये स्थिति काफी दिलचस्प बन सकती है।
राहु का व्यय के स्थान में होना भौतिक चीजों से कुछ दूरी में भी सहायक बन सकता है। राहु व्यय भाव में जाकर अपने गुणों में भी प्राप्त करने से अधिक छोड़ देने की प्रवृत्ति दिखा सकता है। इसी प्रकार राहु को एक आध्यात्मिक चेतना से जुड़ा ग्रह भी माना गया है। राहु का अमृत को प्राप्त कर लेना व्यक्ति की आंतरिक एवं बाह्य स्थिति को काफी गहराई से प्रभावित करता है।
राहु का आध्यात्मिक रुख 12वें घर में/barve bhav me rahu काफी उजागर होता है। राहु यहां बैठ कर कुछ मोह को तोड़ता भी अवश्य है किंतु वह सन्यास में नहीं ले जा सकता है। राहु आपको यहां बैठ कर बाहरी लोगों के साथ संपर्क करवाने में सहायक बनता है। 12वें घर से आश्रम, विदेश, परिवार से दूरी, अलगाव की स्थिति को देखा जा सकता है, और जब राहु यहां मौजूद होता है तो इन बातों पर अपना असर भी डालता है। राहु व्यक्ति को अपने जन्मस्थान से दूर ले जाकर नए लोगों के मध्य रख सकता है।
राहु व्यक्ति को साधु संतों से मिलवा सकता है। किसी आश्रम में रहकर व्यक्ति धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है किंतु राहु यहां बैठकर संन्यास दे देगा तो यह तथ्य पूर्ण रुप से फलीभूत नहीं होता है। कुंडली में अगर सन्यास योग/kundli me sanyas yog बनता है तो वह सिर्फ राहु के बारहवें घर में/barve bhav me rahu होने से नहीं बन सकता है, इसके लिए कुंडली में अन्य चीजों पर भी दृष्टि डालने की आवश्यकता होती है।
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